उत्तराखंड में सर्दियों की आहट शुरू हो चुकी है। पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और ठंडी हवाओं के कारण ठंडक बढ़ने लगी है, जबकि मैदानों में अभी भी मौसम शुष्क बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे ठंड बढ़ सकती है।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और ठंड
गुरुवार को उत्तराखंड के कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी दर्ज की गई। बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ मंदिर और नंदा घुंघटी की चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई, जबकि नीती और माणा घाटी के साथ-साथ मुनस्यारी के मल्ला जोहार की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी के कारण ठंड बढ़ गई है।
इन इलाकों में दिन के समय भी लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं, और रात के समय तापमान में और भी गिरावट देखने को मिल रही है। ठंड के कारण पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को ठिठुरन महसूस होने लगी है, और हीटर या अंगीठी का उपयोग शुरू हो गया है।
मैदानों में शुष्क मौसम का प्रभाव
मैदानों में देहरादून, पंतनगर और नई टिहरी जैसे क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से चटक धूप खिल रही है। हालांकि, शाम के समय बादल छा रहे हैं, जिससे दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। दिन के समय धूप के कारण तापमान बढ़ जाता है, लेकिन रात में ठंडक का अहसास होने लगता है।
देहरादून में पिछले दो दिनों से अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है, जबकि न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पंतनगर का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है, जिससे वहां ठंडक में और इजाफा हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेशभर में इस महीने के अंत तक ठंड में और भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
शुष्क मौसम के बावजूद, पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड का असर अधिक रहेगा। देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट का अनुमान है, जिससे ठंडक महसूस होने लगेगी। मौसम विभाग ने लोगों से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी है, क्योंकि बदलते मौसम के कारण सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
तापमान की स्थिति
प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों का तापमान अलग-अलग है, जो ठंड के बढ़ते असर को दर्शाता है। देहरादून का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18.1 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, पंतनगर का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मुक्तेश्वर जैसे ठंडे स्थानों पर अधिकतम तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 10.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो यह दर्शाता है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड तेजी से बढ़ रही है।
नई टिहरी का अधिकतम तापमान 21.4 डिग्री और न्यूनतम 12.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो कि ठंड की दस्तक को साफ-साफ दर्शाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में गिरावट का यह सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है।
ठंड से बचाव के उपाय
मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही लोगों को ठंड से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वाले लोगों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि बदलते मौसम के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा जा सके।
- गर्म कपड़ों का इस्तेमाल: सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना बेहद जरूरी है। ऊनी कपड़े, जैकेट, और मफलर का इस्तेमाल करें।
- हीटर या अंगीठी का उपयोग: ठंड से बचाव के लिए घर में हीटर या अंगीठी का इस्तेमाल करें। हालांकि, इस दौरान हवा का प्रवाह बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
- गर्म पेय पदार्थ: ठंड के मौसम में गर्म चाय, सूप या अन्य गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर को गर्माहट मिलती रहे।
- बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान: बदलते मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान दें। उनके कपड़े और खानपान का ध्यान रखें, ताकि वे बीमार न पड़ें।
पर्यटन पर असर
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और ठंडक का असर पर्यटन पर भी देखने को मिल रहा है। हर साल, बर्फबारी के मौसम में पर्यटक बड़ी संख्या में उत्तराखंड के हिमाच्छादित पर्वतीय स्थलों का दौरा करते हैं। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, और औली जैसी जगहों पर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल सकती है।
बर्फबारी के कारण यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और भी अधिक निखर जाता है, जिससे पर्यटकों का आकर्षण बढ़ता है। हालांकि, सर्दियों के मौसम में यात्रा के दौरान पर्यटकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
उत्तराखंड के लोगों की तैयारी
उत्तराखंड के निवासियों के लिए ठंड के मौसम में तैयारियां करना जरूरी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोग पहले से ही ठंड से बचने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन मैदानों में भी सर्दी की शुरुआत हो चुकी है। ठंड के बढ़ते असर के कारण स्कूलों में छुट्टियों की संभावना भी बढ़ सकती है।
उत्तराखंड में ठंड का असर बढ़ने लगा है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां बर्फबारी और ठंडी हवाएं ठिठुरन बढ़ा रही हैं। मैदानों में भी शुष्क मौसम के बावजूद तापमान में गिरावट का दौर जारी है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, आने वाले दिनों में ठंड में और भी वृद्धि हो सकती है, जिससे प्रदेश के लोग सर्दियों की तैयारी शुरू कर सकते हैं।
इस बदलते मौसम में स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। ठंड के मौसम का आनंद लेते हुए, सतर्क रहकर ही सुरक्षित और स्वस्थ रह सकते हैं।
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