रुद्रप्रयाग के तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम में शीतकाल के दौरान सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मन्दिर परिसर की सीमाओं के चारों ओर तारबाड़ कर दी गई है। मन्दिर समिति ने स्पष्ट किया है कि अब शीतकाल में चन्द्रशिला जाने वाले पर्यटक और प्रकृति प्रेमी मन्दिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह कदम मन्दिर की पवित्रता, सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए उठाया गया है। समिति के प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि मन्दिर के अधिकारी-कर्मचारियों के आवासों, भंडार गृह और अतिथि गृह की सीमाओं पर भी सुरक्षा के मद्देनजर तारबाड़ की गई है ताकि अनधिकृत प्रवेश और पर्यटकों द्वारा फैलने वाली गंदगी पर नियंत्रण रखा जा सके।
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कपाट बंद होने के बाद भी पर्यटक अक्सर चन्द्रशिला के शिखर पर बर्फबारी और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं, जिसके चलते वे मन्दिर परिसर में भी प्रवेश कर जाते थे। पर्यटकों द्वारा छोड़े गए कूड़े-कचरे से मन्दिर परिसर में गंदगी फैल रही थी और मन्दिर की पवित्रता पर विपरीत असर पड़ रहा था। इस बार कपाट बंद होने के तुरंत बाद तारबाड़ कर मन्दिर परिसर को पूरी तरह सुरक्षित किया गया है।
मन्दिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मन्दिर समिति के तीन कर्मचारी अब भी तुंगनाथ धाम में तैनात रहेंगे। ये कर्मचारी मन्दिर परिसर के साथ-साथ अतिथि गृह और अधिकारियों के आवासों की भी सुरक्षा करेंगे। समिति का यह कदम मन्दिर परिसर की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
भगवान तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को परंपरागत रीति से बंद किए गए थे, जिसके बाद 7 नवंबर को भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में लाया गया। अब भगवान तुंगनाथ शीतकाल के दौरान मक्कूमठ में ही विराजमान रहेंगे और वहां पूजा-अर्चना होगी।
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