देहरादून: जिले में बाल भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाने के लिए जिला अधिकारी सविन बंसल ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए अधिकारियों को एक सूक्ष्म योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इस योजना का उद्देश्य सड़कों पर भीख मांग रहे बच्चों को पुनर्वासित कर शिक्षा प्रणाली में शामिल करना है। सोमवार को आयोजित एक बैठक में डीएम ने विभिन्न विभागों और एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ इस विषय पर चर्चा की और सुझाव मांगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि देहरादून की सड़कों पर अब कोई भी बच्चा भीख मांगता हुआ नहीं दिखना चाहिए।
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DM सविन बंसल ने अधिकारियों से कहा कि एक ठोस योजना बनाई जाए जो बच्चों को खेल और शिक्षा में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित करे। उनका प्राथमिक उद्देश्य है कि सड़कों पर भीख मांग रहे बच्चों को बचाकर आधुनिक पुनर्वास केंद्रों में रखा जाए, जहां उन्हें शिक्षा और मनोरंजन की सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने बताया कि इन पुनर्वास केंद्रों में विशेष गतिविधि शिक्षक और ऐसे सहायक होंगे, जो इन बच्चों को पढ़ाने और मार्गदर्शन देने में अनुभवी होंगे। इसका उद्देश्य बच्चों को ऐसा सकारात्मक वातावरण प्रदान करना है, जो उनके सीखने और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करे।
डीएम ने बताया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी को इस योजना के क्रियान्वयन में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, उन्होंने उन संगठनों से भी सुझाव मांगे हैं जो बाल श्रम और भिक्षावृत्ति को समाप्त करने पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, डीएम ने सामाजिक कल्याण विभाग को वयस्क भिखारियों के लिए एक अलग कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि जिले में भिक्षावृत्ति की समस्या को समग्र रूप से हल किया जा सके।
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