
gym me heart attack: जिम में क्यों आता है हार्ट अटैक? असली वजह और बचाव |
gym me heart attack: आजकल फिट रहने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। हर उम्र के लोग जिम में घंटों पसीना बहा रहे हैं ताकि शरीर तंदुरुस्त रहे और लाइफस्टाइल हेल्दी बनी रहे। लेकिन पिछले कुछ सालों में एक चिंता बढ़ाने वाली खबरें सामने आई हैं — gym me heart attack यानी जिम करते वक्त हार्ट अटैक आना।
जिम में हार्ट अटैक आने की खबरों ने खासकर युवाओं में डर का माहौल बना दिया है। लोग सोचने लगे हैं कि क्या जिम में वर्कआउट करना सही है? क्या ज्यादा एक्सरसाइज करने से दिल पर बुरा असर पड़ता है? आइए विस्तार से समझते हैं कि gym me heart attack क्यों आता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
फिटनेस जरूरी या खतरा?
किसी भी हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। जिम में वर्कआउट करने से वजन कंट्रोल में रहता है, शरीर मजबूत बनता है और स्टैमिना बढ़ता है। लेकिन अगर आप सही तरीका नहीं अपनाते हैं तो यही फिटनेस कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।
असल में जिम में हार्ट अटैक सिर्फ हेवी वर्कआउट की वजह से नहीं आता। इसके पीछे कई छिपे कारण होते हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
gym me heart attack के मुख्य कारण
गलत डाइट और लाइफस्टाइल
आजकल युवा फास्ट फूड, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की आदतों में ज्यादा फंसे हुए हैं। इससे शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो धीरे-धीरे धमनियों में जम जाता है। ऐसे में जब कोई व्यक्ति अचानक हेवी वर्कआउट करता है तो ब्लड फ्लो बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
स्टेरॉयड का सेवन
कई लोग जल्दी बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं। यह शरीर की मांसपेशियों को भले ही मजबूत बना दे, लेकिन अंदर से हार्ट पर बुरा असर डालता है। स्टेरॉयड ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है जिससे हार्ट अटैक का रिस्क और बढ़ जाता है।
पारिवारिक इतिहास
अगर परिवार में पहले किसी को हार्ट डिजीज रही है तो आपको जिम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। खासकर 40 साल की उम्र के बाद यह और जरूरी हो जाता है।
शरीर के संकेतों को नजरअंदाज करना
कई बार लोग वर्कआउट करते वक्त शरीर के संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। जैसे सीने में जकड़न, सांस फूलना या कमजोरी लगना — ये सब हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
gym me heart attack से कैसे बचें?
अब सवाल है कि क्या इतना खतरा है तो जिम छोड़ देना चाहिए? नहीं। जिम जाना गलत नहीं है, गलत तरीका खतरनाक है। कुछ जरूरी सावधानियां रखकर आप इस खतरे को काफी हद तक टाल सकते हैं।
रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
अगर आप 35-40 साल के हैं तो साल में एक बार हार्ट चेकअप जरूर कराएं। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और ECG जैसे जरूरी टेस्ट कराते रहें।
सही डाइट लें
वर्कआउट के दौरान सही डाइट लेना जरूरी है। फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स लें। जंक फूड और स्मोकिंग से दूर रहें। ज्यादा ड्रिंक न करें।
शरीर के सिग्नल्स पर ध्यान दें
वर्कआउट करते वक्त अगर सीने में दर्द हो, ज्यादा थकान या सांस फूलने लगे तो तुरंत एक्सरसाइज रोक दें और डॉक्टर से सलाह लें।
खुद को हाइड्रेट रखें
वर्कआउट के दौरान शरीर से खूब पसीना निकलता है। ऐसे में पानी की कमी हार्ट पर असर डाल सकती है। इसलिए सही मात्रा में पानी पीते रहें।
ओवर ट्रेनिंग से बचें
जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में लोग घंटों वर्कआउट करते हैं। ज्यादा ट्रेनिंग से मांसपेशियों और दिल दोनों पर दबाव पड़ता है। हमेशा ट्रेनर की गाइडेंस में एक्सरसाइज करें।
gym me heart attack पर जागरूकता जरूरी क्यों?
आजकल सोशल मीडिया पर gym me heart attack से जुड़ी खबरें और वीडियो खूब वायरल होते रहते हैं। लेकिन हर चीज में सचाई नहीं होती। सही जानकारी होना बहुत जरूरी है ताकि लोग डरें नहीं बल्कि सावधानी बरतें।
किन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है?
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जिनका बीपी हाई रहता है
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जिन्हें डायबिटीज है
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जिन्हें पहले हार्ट प्रॉब्लम रह चुकी है
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जिनके परिवार में हार्ट डिजीज के केस हैं
ऐसे लोगों को जिम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
सिर्फ जिम ही जिम्मेदार नहीं
यह जरूरी नहीं कि सिर्फ जिम जाने से हार्ट अटैक आता है। कई लोग सालभर एक्टिव नहीं रहते, अचानक से हेवी एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं। इससे हार्ट पर लोड बढ़ जाता है। इसलिए फिटनेस को लाइफस्टाइल बनाएं — रोज थोड़ा चलें, हल्की एक्सरसाइज करें, डाइट सही रखें।
आखिर में — फिटनेस जरूरी है, डर नहीं
अगर आप फिट रहना चाहते हैं तो जिम जरूर जाएं। बस सही तरीका अपनाएं। सही डाइट, सही ट्रेनिंग और रेगुलर चेकअप से gym me heart attack का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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