देहरादून (प्रदीप शाह) – रायपुर के बड़ासी ग्राड गांव में आयोजित रामलीला का शुभारंभ पर्यावरणविद् और वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी ने बतौर मुख्य अतिथि किया। इस अवसर पर उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में मदन मोहन सेमवाल, डॉ. सुशील कोटनाला, जगदीश ग्रामीण, महेश चंद्र, अमित कुकरेती, और आनंद मनवाल भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत रिबन काटकर की गई, जिससे गांव में पारंपरिक रामलीला का आयोजन विधिवत प्रारंभ हुआ।
डॉ. सोनी ने अपने उद्बोधन में कहा कि डिजिटल युग में जहां लोग सोशल मीडिया और टीवी पर अधिक समय बिताते हैं और अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, वहीं बड़ासी गांव के लोग अपनी आस्था और परंपराओं को जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने बड़ासी गांव के निवासियों को श्रीराम के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा के लिए सराहा और युवाओं को भी ऐसे आयोजनों से जुड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने श्री आदर्श रामलीला समिति को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
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डॉ. सुशील कोटनाला ने अपने संबोधन में बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करने पर जोर दिया, जबकि मदन मोहन सेमवाल ने बेटियों को परिवारों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए उन्हें बेहतर शिक्षा देने का आग्रह किया। मसूरी से पहुंचे महेश चंद्र ने युवा पीढ़ी को अपनी परंपराओं को संजोने और अनुकरण करने की प्रेरणा दी। जगदीश ग्रामीण ने भी कहा कि हमारी पुरानी परंपराएं गांवों में ही जीवित हैं और इन्हें संरक्षित करना सभी का दायित्व है।
इस अवसर पर आदर्श रामलीला समिति के अध्यक्ष दिनेश चुनार, सर्वेश कुमार, रेनू चुनार, दयाल सिंह सोलंकी, वीरेंद्र आर्य, नरेश चंद्र, अंजू चुनार, निशा भारती, योगेश कुमार, विकास कुमार, और अभिषेक कुमार सहित कई स्थानीय ग्रामीण और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने न केवल गांव की धार्मिक परंपराओं को जीवित रखा बल्कि समाज में एकता, संस्कार और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी प्रसारित किया।
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