
7th House in Kundli In Hindi: कुंडली में सप्तम भाव
7th House in Kundli In Hindi: वेदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) में जन्म कुंडली (Kundli) इंसान के जीवन का खाका होती है, जो उसके स्वभाव, संबंधों और भविष्य के बारे में गहरी जानकारी देती है। बारह भावों (12 Houses) में से सप्तम भाव (7th House) को विशेष महत्व प्राप्त है क्योंकि यह विवाह (Marriage), साझेदारी (Partnership), रोमांटिक रिश्ते और जीवन में दूसरों के साथ हमारे संबंधों को दर्शाता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं सप्तम भाव का महत्व, इसमें स्थित ग्रहों के प्रभाव और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
सप्तम भाव क्या दर्शाता है? (What Does the 7th House Represent?)
सप्तम भाव को ‘पत्नी भाव’ (Patni Bhava) या ‘विवाह भाव’ (House of Marriage) कहा जाता है। यह भाव हमारे व्यक्तिगत संबंधों, विवाह, साझेदारी और सामाजिक जीवन को दर्शाता है। पहले छह भाव (1st to 6th Houses) आत्म-केंद्रित होते हैं, लेकिन सप्तम भाव से ध्यान स्वयं से हटकर दूसरों की ओर जाता है।
इस भाव में मौजूद ग्रह यह बताते हैं कि हम रिश्तों में क्या खोजते हैं — प्यार, सुरक्षा, सामाजिक मान्यता, आर्थिक लाभ या कोई और कारण। इसके अतिरिक्त, यह भाव व्यापारिक साझेदारियों, क़ानूनी समझौतों और सामाजिक संबंधों पर भी प्रकाश डालता है।
सप्तम भाव के मूल तत्व (Fundamentals of 7th House):
- वेदिक नाम (Vedic Name): पत्नि भाव (Patni Bhava)
- प्राकृतिक शासक ग्रह और राशि (Natural Ruling Planet and Sign): शुक्र (Venus) और तुला राशि (Libra)
- शरीर के अंग (Body Parts): किडनी, पीठ का निचला भाग, कमर और कूल्हे
- संबंधित लोग (People in 7th House): जीवन साथी, व्यापारिक साझेदार और सामाजिक सहयोगी
- गतिविधियां (Activities): विवाह, रोमांस, व्यापारिक वार्ताएं, कूटनीति, बहस, समझौतों की बातचीत और अन्य सामाजिक संपर्क
सप्तम भाव में ग्रहों के प्रभाव (Effects of Planets in 7th House):
सूर्य (Sun in 7th House):
सूर्य का सप्तम भाव में होना आपके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास और नेतृत्व गुण बढ़ाता है। विवाह या व्यापारिक साझेदारी से आपको लाभ मिलने की संभावना रहती है। आप ऐसे साथी की तलाश करते हैं, जो उच्च सामाजिक स्थिति वाला हो। हालांकि, सूर्य की अधिक ऊर्जा संबंधों में अहंकार और प्रभुत्व की भावना ला सकती है।
चंद्रमा (Moon in 7th House):
सप्तम भाव में चंद्रमा आपके संबंधों को भावनात्मक गहराई प्रदान करता है। ऐसे जातक भावुक, संवेदनशील और सहानुभूति रखने वाले होते हैं। हालांकि, मूड स्विंग और अस्थिरता रिश्तों में चुनौती बन सकते हैं। आप ऐसे साथी की तलाश करते हैं, जो आपको भावनात्मक सुरक्षा दे सके।
गुरु (Jupiter in 7th House):
गुरु का सप्तम भाव में होना विवाह या साझेदारी में सौभाग्य लेकर आता है। ऐसे लोग उदार, आशावादी और नैतिक होते हैं। गुरु यहां व्यक्ति को उच्च आदर्शों वाला बनाता है, जिससे कभी-कभी रिश्तों में अव्यावहारिक अपेक्षाएं हो सकती हैं।
शुक्र (Venus in 7th House):
शुक्र का सप्तम भाव में होना प्रेम, आकर्षण और सौंदर्य की ओर झुकाव दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति की शादी आमतौर पर सुखद होती है। वे जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं और रोमांस की तलाश करते हैं। हालांकि, कभी-कभी वे रिश्ते में अत्यधिक उम्मीदें रख सकते हैं।
मंगल (Mars in 7th House):
मंगल इस भाव में जुनून, ऊर्जा और साहस को दर्शाता है। ऐसे लोग मजबूत, साहसी और सक्रिय साथी की तलाश करते हैं। हालांकि, उनके आवेग और क्रोध से रिश्तों में टकराव हो सकता है। यह स्थान व्यवसाय में भी सफलता दे सकता है।
बुध (Mercury in 7th House):
बुध की स्थिति व्यक्ति को संवाद-कुशल और बुद्धिमान बनाती है। ऐसे लोग साथी के साथ बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान को महत्व देते हैं। हालांकि, वे दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं से बच सकते हैं और रिश्तों में अस्थिरता ला सकते हैं।
शनि (Saturn in 7th House):
शनि इस भाव में गंभीरता, धैर्य और जिम्मेदारी लाता है। ऐसे जातकों की शादी देर से होती है, लेकिन उनका रिश्ता दीर्घकालिक और स्थिर होता है। ये लोग भरोसेमंद और ईमानदार होते हैं, हालांकि वे भावनात्मक रूप से थोड़े ठंडे हो सकते हैं।
राहु (Rahu in 7th House):
राहु का सप्तम भाव में होना व्यक्ति को सामाजिक स्थिति पाने की इच्छा से प्रेरित करता है। ऐसे जातक असामान्य, विदेशी या सामाजिक मान्यताओं से अलग तरह के साथी की ओर आकर्षित होते हैं। राहु यहां रिश्तों में छल और अनैतिकता ला सकता है।
केतु (Ketu in 7th House):
केतु इस भाव में व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण और आंतरिक विकास की ओर ले जाता है। ऐसे जातक रिश्तों से दूरी बना सकते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं। विवाह या साझेदारी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सप्तम भाव और विवाह (7th House and Marriage):
सप्तम भाव को विवाह का भाव कहा जाता है। इस भाव में स्थित ग्रह यह संकेत देते हैं कि शादी कैसी होगी, जीवनसाथी का स्वभाव कैसा होगा और विवाह के बाद जीवन में क्या बदलाव आएंगे।
- शुभ ग्रह: गुरु, शुक्र और चंद्रमा का प्रभाव विवाह में सुख और समृद्धि लाता है।
- अशुभ ग्रह: शनि, मंगल, राहु और केतु के प्रभाव से विवाह में देरी, तनाव और विवाद की संभावना होती है।
- द्रष्टि (Aspect): सप्तम भाव पर मंगल, शनि या राहु की दृष्टि होने पर वैवाहिक जीवन में चुनौतियां आ सकती हैं।
व्यवसायिक साझेदारी (Business Partnerships):
सप्तम भाव केवल विवाह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यवसाय में साझेदारी और कानूनी अनुबंधों को भी दर्शाता है। इस भाव में मजबूत ग्रह व्यापार में सफलता और भागीदारी में सामंजस्य प्रदान करते हैं।
सप्तम भाव हमारे जीवन में रिश्तों, विवाह और साझेदारियों का मार्गदर्शन करता है। यह भाव हमारे जीवन के उस पहलू को दर्शाता है, जहां हम दूसरों के साथ जुड़ते हैं और सामूहिक रूप से कुछ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ग्रहों की स्थिति के आधार पर, सप्तम भाव हमारे प्रेम, विवाह, साझेदारी और सामाजिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डालता है।
Disclaimer: यदि आप अपनी कुंडली (Birth Chart) का सटीक विश्लेषण चाहते हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी (Astrologer) से परामर्श करें।
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