लेज़र तकनीक और त्वचा रोगों में लेज़र उपचार: स्किन के लिए कटिंग-एज ट्रीटमेंट्स Laser Technology and Laser Treatment in Dermatology: Cutting Edge Treatments for Skin ConditionsRemove term: wellhealthorganic

Laser Technology and Laser Treatment in Dermatology: आजकल की लाइफस्टाइल में, जहाँ हम सब मॉर्डन और ग्लैमरस दिखने के लिए नए-नए स्किन केयर ट्रीटमेंट्स को ट्राई करने के लिए रेडी रहते हैं, वहीं लेज़र तकनीक ने स्किन केयर वर्ल्ड में धमाल मचा रखा है। स्किन की कई प्रॉब्लम्स जो पहले बिना ट्रीटमेंट्स के रह जाती थीं, उन्हें अब लेज़र ट्रीटमेंट के ज़रिए आसानी से ट्रीट किया जा सकता है। चाहे वो पिंपल्स के निशान हों या फिर बर्थमार्क्स, लेज़र सबकुछ कर सकता है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि लेज़र तकनीक कैसे आपकी स्किन को फ्लॉलेस बनाने में मदद कर सकती है।

लेज़र ट्रीटमेंट क्या है?

लेज़र ट्रीटमेंट, जिसे लाइट थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है, एक नॉन-इनवेसिव तकनीक है। मतलब, इसमें किसी बॉडी पार्ट को काटने-छांटने की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें एक इंस्ट्रूमेंट के ज़रिए टारगेटेड लाइट बीम्स को स्किन के डैमेज्ड हिस्सों पर पॉइंट किया जाता है, ताकि पुराने स्किन सेल्स को हटाकर नए स्किन सेल्स को बनने में मदद मिल सके। लेज़र तकनीक का एक और फायदा यह है कि यह स्किन के पुराने दाग-धब्बों को कम करने, पेन को रिलिव करने और इंफ्लेमेशन को कम करने में भी काफी हेल्पफुल होती है।

रोसेशिया और स्किन रेडनेस रिडक्शन

फेयर स्किन टोन वाले लोगों में अक्सर देखा जाने वाला एक स्किन कंडिशन है, जिसे रोसेशिया कहते हैं। इसमें स्किन पर रेडनेस और छोटे-छोटे बंप्स हो जाते हैं। लेज़र थेरेपी से इस कंडिशन को आसानी से ट्रीट किया जा सकता है। सिर्फ रोसेशिया ही नहीं, बर्थमार्क्स, ब्रोकन ब्लड कैपिलरीज और रेड स्पॉट्स को भी लेज़र के ज़रिए ट्रीट किया जा सकता है।

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प्रीकैंसरस ट्रीटमेंट्स

लेज़र तकनीक का इस्तेमाल स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के ट्रीटमेंट में भी किया जाता है। इसमें लाइट एनर्जी और लाइट-सेंसिटिव मेडिकेशन को मिलाकर स्किन कंडिशन को ट्रीट किया जाता है। एक लाइट-सेंसिटिव मेडिकेशन को स्किन पर अप्लाई किया जाता है और फिर कुछ घंटों के बाद उस जगह पर रेड, ब्लू या इंटेंस पल्स लाइट को अप्लाई किया जाता है। इससे स्किन की कैंसरस स्पॉट्स को खत्म किया जा सकता है।

इन्फेंट्स में बर्थमार्क रिमूवल

लेज़र तकनीक का इस्तेमाल छोटे बच्चों और इन्फेंट्स में बर्थमार्क्स, जैसे कि पोर्ट वाइन स्टेंस और हेमांजिओमा को रिमूव करने के लिए भी किया जाता है। आमतौर पर, इंटेंस पल्स लाइट थेरेपी के लिए 2-3 सेशन की जरूरत पड़ती है, और इसके बाद साल में एक बार मेन्टेनेन्स सेशन की सलाह दी जाती है।

लेज़र हेयर रिमूवल और टैटू रिमूवल

अगर आप टैटू रिमूवल की सोच रहे हैं, तो लेज़र ट्रीटमेंट आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। टैटू रिमूवल के लिए जो लेज़र डिज़ाइन की गई थी, अब उसका इस्तेमाल हेयर रिमूवल के लिए भी किया जाता है। यह तकनीक डार्क स्किन टोन पर ज़्यादा इफेक्टिव है और सेफ भी है।

अन्य स्किन कंडीशन्स में लेज़र का उपयोग

लेज़र तकनीक का इस्तेमाल कई और स्किन कंडिशन्स के ट्रीटमेंट में भी किया जाता है। इनमें समय से पहले आने वाले एजिंग साइंस, झुर्रियों का कम होना, स्कार रिडक्शन, एक्ने मार्क्स से छुटकारा पाना, स्किन टाइटनिंग, मेलास्मा रिडक्शन और स्पाइडर-वेन्स का ट्रीटमेंट शामिल है।

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कुछ ध्यान देने योग्य बातें

अगर आप किसी भी स्किन रिलेटेड इशू से गुजर रहे हैं, तो लेज़र ट्रीटमेंट कराने से पहले एक सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें। लेज़र ट्रीटमेंट ज्यादातर स्किन टाइप्स के लिए सेफ होते हैं, लेकिन डार्क स्किन टोन वाले लोगों को ट्रीटमेंट के बाद कभी-कभी बर्न्स और डार्क मार्क्स का सामना करना पड़ सकता है।

लेज़र तकनीक स्किन केयर में एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। तो अगर आप भी अपनी स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं, तो लेज़र ट्रीटमेंट को ज़रूर ट्राई करें और अपनी स्किन को फ्लॉलेस और ग्लोइंग बनाएं!

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