कौन सा प्रोटीन बेहतर होगा या नहीं? wellhealthorganic: Drinking Protein vs Eating Protein

Protein प्रोटीन की जरूरत क्यों?

wellhealthorganic: आजकल हर कोई फिटनेस और हेल्थ के पीछे भाग रहा है, और जब बात आती है मसल्स बनाने या हेल्दी रहने की, तो सबसे पहले जो चीज़ दिमाग में आती है वो है – प्रोटीन। लेकिन असली सवाल ये है कि ये प्रोटीन कैसे लिया जाए? प्रोटीन शेक्स (Drinking Protein) या फिर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ (Eating Protein)? आइए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं, वो भी GenZ के अंदाज में।

Daily Protein Needs: जानें कितना प्रोटीन चाहिए

हमारे शरीर को प्रोटीन की कितनी ज़रूरत है, ये हमारी उम्र, जेंडर, और लाइफस्टाइल पर डिपेंड करता है। एक एक्टिव लड़के को रोजाना 70-98 ग्राम प्रोटीन की ज़रूरत होती है, जबकि लड़कियों के लिए ये रेंज 57-79 ग्राम है। बच्चों और सीनियर्स के लिए ये रेकमेंडेशन अलग हो सकती है, लेकिन बात चाहे जिसकी हो, प्रोटीन इज अ मस्ट!

Eating Protein: प्रोटीन युक्त फूड्स का किंगडम

जब हम खाने की बात करते हैं, तो प्रोटीन युक्त फूड्स का कोई मुकाबला नहीं। चाहे वो अंडे हों, टोफू हो, चिकन हो, या फिर दाल-चावल। इन फूड्स से हमें सिर्फ प्रोटीन ही नहीं, बल्कि विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर भी मिलता है। और हां, खाने में समय लगता है, लेकिन जो संतुष्टि मिलती है, वो प्रोटीन शेक्स से कभी नहीं मिलती।

Advantages:

  • Complete Nutrition: प्रोटीन के साथ-साथ बाकी न्यूट्रिएंट्स भी मिलते हैं।
  • Satiety: खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है, जो वजन कंट्रोल में मददगार हो सकता है।
  • Taste & Variety: खाने में स्वाद और वैरायटी होती है, जो शेक्स में मिसिंग है।

Disadvantages:

  • Time-Consuming: प्रोटीन रिच मील्स बनाने में समय लगता है।
  • Portability: इन फूड्स को कैरी करना आसान नहीं होता, खासकर ऑन-द-गो।

Drinking Protein: प्रोटीन शेक्स का मैजिक

अब बात करते हैं प्रोटीन शेक्स की। जिम जाने वालों के बीच ये बहुत पॉपुलर हैं। क्यों? क्योंकि ये क्विक, ईजी और कन्विनियंट होते हैं। आपको बस शेक बनाना है और पी लेना है। न खाना बनाने का झंझट, न कुछ और।

यह भी पढ़ें: हैंगओवर के लिए दुनियाभर के अजीबो-गरीब नुस्खे

Advantages:

  • Convenience: ये तुरंत तैयार हो जाते हैं और पीने में भी आसान होते हैं।
  • Portability: इन्हें कहीं भी ले जाया जा सकता है, जिससे वर्कआउट के बाद इन्हें पीना आसान हो जाता है।
  • Accurate Dosage: आप अपने प्रोटीन की सही मात्रा को माप और कंट्रोल कर सकते हैं।

Disadvantages:

  • Nutrient Deficiency: इनमें बाकी न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है, जो खाने से मिलते हैं।
  • Taste: कुछ लोगों को प्रोटीन शेक्स का स्वाद उतना पसंद नहीं आता।
  • Cost: अच्छी क्वालिटी के शेक्स महंगे हो सकते हैं।

Protein का Science: कैसे होता है असर?

चाहे आप प्रोटीन खाएं या पिएं, अंत में वो आपके मसल्स और बॉडी को ही सपोर्ट करता है। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स हैं। ये मसल्स रिपेयर, एनर्जी प्रोडक्शन, और इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है। बस फर्क ये है कि खाने वाले प्रोटीन से आपको तृप्ति ज्यादा मिलती है, जबकि पीने वाले से फास्ट रिजल्ट्स मिल सकते हैं।

Eating vs Drinking: कौन है विनर?

अब बात आती है कि कौन सा ऑप्शन बेहतर है। इसका जवाब आपके गोल्स और लाइफस्टाइल पर डिपेंड करता है। अगर आपके पास टाइम है और आप फुल मील एंजॉय करना चाहते हैं, तो खाना बेस्ट है। वहीं, अगर आपको जल्दी प्रोटीन चाहिए या आप वर्कआउट के तुरंत बाद रिकवरी चाहते हैं, तो प्रोटीन शेक्स आपके लिए सही हैं।

The Balanced Approach: Both are Good!

असल में, दोनों ही तरीके सही हैं। ज़रूरी है कि आप अपने गोल्स के हिसाब से इन्हें बैलेंस करें। दिन में एक समय प्रोटीन रिच फूड्स खाएं और अगर जरूरत महसूस हो तो शेक्स का भी यूज करें। इस तरह से आपको दोनों का फायदा मिलेगा।

किन बातों का ध्यान रखें?

  • Quality Matters: चाहे खाना हो या शेक, क्वालिटी पर ध्यान दें।
  • Overdoing is a No-No: ज्यादा प्रोटीन लेना भी नुकसान कर सकता है, खासकर अगर आप किडनी या लिवर की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।
  • Consult an Expert: किसी डाइटिशियन या डॉक्टर से सलाह लें, खासकर अगर आप कोई हेल्थ इशू फेस कर रहे हैं।

Conclusion: Choose What Suits You

अंत में, कोई भी ऑप्शन अच्छा या बुरा नहीं है। आपको बस अपने शरीर और लाइफस्टाइल के हिसाब से चुनाव करना है। दोनों के फायदे और नुकसान हैं, और सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने लिए सही बैलेंस ढूंढें। तो, अगली बार जब आप सोचें कि प्रोटीन कैसे लेना है, तो खुद से पूछें – क्या मुझे आज खाने का मन है या पीने का?

Disclaimer

याद रखें, यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है। किसी भी सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह ज़रूर लें। Kedar Times आपके हेल्थ से जुड़े किसी भी फैसले की जिम्मेदारी नहीं लेता।

अब, जो भी रास्ता चुनें, उसे एंजॉय करें और हेल्दी रहें!

यह भी पढ़ें:

चार धाम यात्रा: उत्तराखंड के दिव्य धामों का आध्यात्मिक प्रवास

पंच केदार ट्रेक का सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

उत्तराखंड: देवभूमि की खूबसूरती और आध्यात्मिकता

केदारनाथ: एक पवित्र तीर्थ स्थल।

For more article and news follow kedartimes on social media .

Facebook

Instagram

Twitter 

youtube