Site icon Kedar Times

Tungnath Yatra 2024: 4 नवंबर को बंद होंगे कपाट, मक्कूमठ में होगी शीतकालीन पूजा

Tungnath: तुंगनाथ यात्रा

Tungnath Yatra 2024: श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने जानकारी दी है कि तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर की यात्रा इस वर्ष 10 मई को शुरू हुई थी और अब तक 1.20 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। अब इस पवित्र यात्रा का समापन होने वाला है, क्योंकि तुंगनाथ मंदिर के कपाट आगामी 4 नवंबर 2024 को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन गद्दीस्थल यात्रा

कपाट बंद होने के दिन ही भगवान तुंगनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ के लिए प्रस्थान करेगी। इस दौरान, रात्रि प्रवास के लिए डोली 4 नवंबर को चोपता पहुंचेगी।

5 नवंबर को डोली चोपता से भनकुन गुफा की ओर प्रस्थान करेगी, जहां अगले दिन का विश्राम होगा। इसके बाद 7 नवंबर को डोली मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर पहुंचेगी। यहां विधि-विधान के साथ भगवान तुंगनाथ (lord tungnath) की भोगमूर्तियों को मर्कटेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा, जहां अगले छह महीने तक शीतकालीन पूजा-अर्चना होगी।

[इसे भी पढ़ें – देहरादून और हरिद्वार में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत 150 बसों का संचालन, 30 करोड़ की धनराशि मंजूर]

शीतकालीन पूजा की महत्वता

भगवान तुंगनाथ (Tungnath) की शीतकालीन यात्रा और मक्कूमठ में पूजा-अर्चना का यह धार्मिक अनुष्ठान श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। हर साल भक्त बड़ी संख्या में भगवान तुंगनाथ के दर्शन के लिए यहां आते हैं और शीतकाल में भी भगवान की पूजा-अर्चना का यह सिलसिला मक्कूमठ में जारी रहता है।

यह धार्मिक आयोजन भगवान तुंगनाथ के भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जहां वे भगवान की शीतकालीन यात्रा और पूजा-अर्चना का हिस्सा बन सकते हैं।


अगर आपको उत्तराखंड से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी  लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें।

Exit mobile version