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डीयू: किरोड़ीमल कॉलेज में सेंट्रल काउंसलर का चुनाव जीता, पर्चे उड़ाने पर डीयू ने किया निर्वाचन रद्द!

किरोड़ीमल कॉलेज में सेंट्रल काउंसलर का चुनाव जीता, पर्चे उड़ाने पर डीयू ने किया निर्वाचन रद्द!

किरोड़ीमल कॉलेज में सेंट्रल काउंसलर का चुनाव जीता, पर्चे उड़ाने पर डीयू ने किया निर्वाचन रद्द!

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के किरोड़ीमल कॉलेज में सेंट्रल काउंसलर के चुनाव के बाद हुए विवाद ने बड़ा मोड़ ले लिया है। लिंगदोह समिति की सिफारिशों और हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने पर चुनाव जीतने वाले दोनों छात्रों का निर्वाचन रद्द कर दिया गया है। यह फैसला कॉलेज प्रशासन और डीयू के कुलपति की सख्ती का परिणाम है।

घटना तब शुरू हुई जब बीए प्रोग्राम के छात्र चिराग और बीए (ऑनर्स) संस्कृत के छात्र गुरदीप चावड़ी, जो कि सेंट्रल काउंसलर पद के लिए निर्वाचित हुए थे, ने चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया और प्रत्याशियों के नाम वाले पर्चे हवा में उड़ाए गए। यह कृत्य लिंगदोह समिति की सिफारिशों का स्पष्ट उल्लंघन था, जिसमें चुनाव प्रचार और जश्न के दौरान कैंपस को स्वच्छ रखने पर जोर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने पहले ही कैंपस को गंदा करने पर सख्त रवैया अपनाया था। बावजूद इसके, समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर पर्चे उड़ाने और जुलूस निकालने से न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन, बल्कि छात्रों के बीच भी असंतोष पैदा हुआ।

डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। किरोड़ीमल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. दिनेश खट्टर ने आदेश जारी करते हुए चिराग और गुरदीप का निर्वाचन रद्द कर दिया और उनके पद खाली घोषित कर दिए।

डूसू चुनाव की प्रक्रिया पहले ही कई विवादों से घिरी हुई थी। 27 सितंबर 2024 को मतदान होने के बावजूद, विभिन्न मुद्दों के कारण मतगणना 25 नवंबर को पूरी हुई। मतगणना में दो महीने की देरी और फिर इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया को और विवादास्पद बना दिया।

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, किरोड़ीमल कॉलेज के छात्र जीत का जश्न मनाते हुए आर्ट फैकल्टी तक पहुंचे, जहां पर्चे उड़ाने और गाड़ियों के काफिले से कैंपस में गंदगी फैलने की शिकायतें सामने आईं। यह कदम न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाता है, बल्कि चुनाव आचार संहिता के नियमों की भी अवहेलना करता है।

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार, चुनाव प्रचार और उससे जुड़े सभी कार्यक्रमों को स्वच्छ, अनुशासित और नियंत्रित तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए। बड़े स्तर पर गाड़ियों का इस्तेमाल और पर्चे उड़ाना न केवल इन नियमों के खिलाफ था, बल्कि कैंपस की गरिमा को भी प्रभावित करता है।

डीयू प्रशासन का यह फैसला अन्य कॉलेजों और छात्र संगठनों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता और नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम छात्रों को यह याद दिलाने का प्रयास है कि चुनाव प्रक्रिया केवल लोकतंत्र का उत्सव नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है।

किरोड़ीमल कॉलेज के इस मामले ने डीयू में सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मिसाल पेश की है। जहां एक ओर छात्रों के लिए यह घटना चेतावनी है, वहीं दूसरी ओर यह कैंपस में अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

डीयू प्रशासन ने साफ कर दिया है कि भविष्य में भी ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि विश्वविद्यालय का माहौल स्वच्छ और अनुशासित बना रहे।

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