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उत्तराखंड के पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आइसलैंड में जीता पावरलिफ्टिंग का ब्रॉन्ज मेडल, डाउन सिंड्रोम को बनाया अपनी ताकत

उत्तराखंड के पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आइसलैंड में जीता पावरलिफ्टिंग का ब्रॉन्ज मेडल, डाउन सिंड्रोम को बनाया अपनी ताकत

उत्तराखंड के पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने आइसलैंड में जीता पावरलिफ्टिंग का ब्रॉन्ज मेडल, डाउन सिंड्रोम को बनाया अपनी ताकत

देहरादून: उत्तराखंड के 18 वर्षीय युवा पावरलिफ्टर पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हुए आइसलैंड में आयोजित आईपीएफ वर्ल्ड ओपन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह चैंपियनशिप 11 से 15 नवंबर 2024 के बीच आयोजित हुई थी। पृथ्वी ने अपनी असाधारण क्षमता और संघर्ष से साबित किया कि डाउन सिंड्रोम जैसी चुनौती भी उनके इरादों को कमजोर नहीं कर सकती।

स्पेशल कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन

पृथ्वी ने 66 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया और विभिन्न श्रेणियों में अपनी काबिलियत दिखाई।

कोच का योगदान

पृथ्वी के कोच अमन राय बोहरा ने बताया कि यह जीत न केवल पृथ्वी के लिए, बल्कि पूरे भारत और उत्तराखंड के लिए गर्व का पल है। अमन ने कहा, “पृथ्वी ने दिखा दिया कि सीमाएं केवल मानसिक होती हैं। उनका समर्पण और मेहनत आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा है।”

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पृथ्वी की मां का संघर्ष

पृथ्वी की मां नियति शाह ने बताया कि उनका परिवार पहले मुंबई में रहता था, लेकिन बेटे के खेल करियर को आगे बढ़ाने के लिए वे दो साल पहले देहरादून शिफ्ट हुए। यह कदम उनके लिए बेहद सफल साबित हुआ। नियति ने कहा, “पृथ्वी ने हर चुनौती को पार किया और समाज में यह संदेश दिया कि डाउन सिंड्रोम जैसी स्थिति किसी की काबिलियत को परिभाषित नहीं करती।”

पृथ्वी की अन्य उपलब्धियां

पृथ्वी ने पहले भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है:

  1. राष्ट्रीय चैंपियन: दो बार
  2. कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप (साउथ अफ्रीका): स्वर्ण पदक
  3. एशियाई पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप (किर्गिस्तान और मलेशिया): स्वर्ण पदक
  4. आइसलैंड: 2024 में ब्रॉन्ज मेडल

आने वाले लक्ष्य

अब पृथ्वी चीन में आयोजित होने वाली आगामी अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए तैयारी कर रहे हैं। उनकी इस सफलता से न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में खुशी की लहर है।

पृथ्वी सम्राट ने यह साबित कर दिया है कि यदि जज्बा हो तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनका संघर्ष और सफलता लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।

 


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