बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज, 13 नवंबर से पंच पूजाओं के साथ शुरू हो गई है। 17 नवंबर की रात 9:07 बजे मुख्य कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इस बार अब तक 13.6 लाख तीर्थ यात्री बद्रीनाथ पहुंच चुके हैं, और आने वाले 5 दिनों में यह संख्या 14 से 15 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।
पंच पूजाओं का कार्यक्रम
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि पंच पूजाओं की शुरुआत आज गणेश पूजा से होगी, जिसके बाद शाम को भगवान गणेश के कपाट बंद किए जाएंगे। 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे, 15 नवंबर को खडग-पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन रोक दिया जाएगा, जबकि 16 नवंबर को मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग अर्पित किया जाएगा। अंततः 17 नवंबर को मुख्य मंदिर के कपाट रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री, केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा के समर्थन की अपील
शीतकालीन प्रवास की तैयारी
कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर को कुबेर जी, उद्धव जी, रावल जी और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी पांडुकेश्वर और जोशीमठ के श्री नृसिंह मंदिर के लिए रवाना होगी। कुबेर जी और उद्धव जी शीतकाल में पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे, जबकि शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर को नृसिंह मंदिर पहुंचेगी, जहां शीतकालीन पूजाएं आयोजित की जाएंगी।
इस वर्ष यात्रा में तीर्थ यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए धाम में अंतिम दिनों तक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है।
यह भी पढ़ें: डॉ. अंबेडकर और सावित्रीबाई फूले अवार्ड से नवाजे जाएंगे शैलजा-श्रीकांत
अगर आपको उत्तराखंड से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें