उत्तराखंड: जनपद पौड़ी के दो समाजसेवी, श्रीकान्त और शैलजा, को समाज हित में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए आगामी 8 दिसम्बर 2024 को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया जाएगा। श्रीकान्त, जो डॉ. अम्बेडकर के मिशन को पौड़ी से पूरे भारत में फैलाने का कार्य कर रहे हैं, को 40वां डॉ. अम्बेडकर नेशनल फैलोशिप अवॉर्ड 2024 से नवाजा जाएगा। वहीं, शैलजा सिंह आर्य को समाज में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए वीरांगना सावित्री बाई फूले नेशनल फैलोशिप अवार्ड 2024 प्रदान किया जाएगा।
सामाजिक कार्यों में उल्लेखनीय योगदान
शैलजा और श्रीकान्त ने समाज के शोषित एवं वंचित वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न मंचों, आंदोलनों और गोलमेज सम्मेलनों का आयोजन किया है। दोनों का सामाजिक सफर प्रादेशिक शिल्पकार कल्याण समिति, पौड़ी के मंच से शुरू हुआ। शैलजा सिंह आर्य ने उत्तराखण्ड के साथ-साथ जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे प्रमुख स्थानों पर सामाजिक चेतना के प्रसार में योगदान दिया है, जिसके लिए उन्हें “भीम पूत्री” और “उत्तराखण्ड की शेरनी” के नाम से भी जाना जाता है।
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श्रीकान्त का योगदान
वर्ष 2015 से श्रीकान्त लगातार बैकलॉग, प्रमोशन में आरक्षण बहाली, निजीकरण पर रोक, सफाई कर्मचारियों की ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, और डॉ. अम्बेडकर के मिशन के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, कोलकाता, जम्मू कश्मीर, और दिल्ली सहित कई राज्यों में सक्रिय रहे हैं।
गुरु को समर्पित उपलब्धि
शैलजा और श्रीकान्त ने बताया कि उन्हें इस सम्मान की सूचना डाक के माध्यम से मिली और वे अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने सामाजिक गुरु, स्व. श्री भगवान सिंह टम्टा जी को देते हैं।
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