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Uttarkhand Vivah Muhurat 2025: क्या हैं उत्तराखंड में विवाह के शुभ मुहूर्त? जानिए इनकी ज्योतिषीय महत्ता 

Uttarkhand Vivah Muhurat 2025: क्या है उत्तराखंड में विवाह के शुभ मुहूर्त? जानिए इनकी ज्योतिषीय महत्ता 

Uttarkhand Vivah Muhurat 2025: क्या है उत्तराखंड में विवाह के शुभ मुहूर्त? जानिए इनकी ज्योतिषीय महत्ता 

Uttarkhand Vivah Muhurat 2025: उत्तराखंड में विवाह के शुभ मुहूर्त का चयन जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही समय और तिथि का चुनाव दांपत्य जीवन को सुखमय और स्थिर बनाता है। यहां विवाह के मुहूर्त पंचांग के आधार पर निर्धारित होते हैं, जिसमें तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति का खास ध्यान रखा जाता है। 

इन शुभ मुहूर्तों के दौरान ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है, जिससे विवाह के बाद जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। उत्तराखंड में विभिन्न मुहूर्तों का महत्व होता है, जो खासतौर पर दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने में सहायक होते हैं। 

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Uttarkhand Vivah Muhurat 2025 का महत्व

हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि विवाह का आयोजन यदि सही समय और शुभ ग्रहों की स्थिति में किया जाए, तो दंपत्ति का वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध होता है। शुभ मुहूर्त का चयन पंचांग के अनुसार किया जाता है, जिसमें तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखा जाता है। उत्तराखंड में ज्योतिषी इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर विवाह के लिए उपयुक्त समय तय करते हैं। हालाँकि अलग अलग जगहों पर देवउठनी एकादशी के बाद विवाह प्रारम्भ होते है, किन्तु उत्तराखंड में नवरात्रियों से विवाह शुरू हो जाते हैं।  

उत्तराखंड में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त: Uttarkhand Vivah Muhurat 2025

उत्तराखंड में विवाह के शुभ मुहूर्त प्रायः वसंत ऋतु और शरद ऋतु में अधिक होते हैं। इन ऋतुओं को शुभ और अनुकूल माना जाता है, क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने में कोई बाधा नहीं आती।

साल 2025 में संभावित शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. जनवरी से मार्च: मकर संक्रांति के बाद आने वाले मुहूर्त।
  2. मई से जून: अक्षय तृतीया और अन्य शुभ तिथियां।
  3. नवंबर से दिसंबर: देवउठनी एकादशी के बाद के मुहूर्त।

उत्तराखंड में जनवरी के लिए विवाह शुभ मुहूर्त 2025
16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26, 27

उत्तराखंड में फरवरी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 18, 19, 21, 23, 25

उत्तराखंड में मार्च विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
1, 2, 6, 7, 12

उत्तराखंड में अप्रैल विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30

उत्तराखंड में मई विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
1, 2, 5, 6, 7, 9, 13, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22

उत्तराखंड में जून विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
4, 5, 6, 7, 9, 11, 12, 13, 18, 19, 20, 25, 26

उत्तराखंड में जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2025
हिन्दू पंचांग के अनुसार शुभ नक्षत्र न होने की वजह से जुलाई और अगस्त में विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं हैं। हालाँकि 22 सितंबर से अक्टूबर 2025 शारदीय नवरात्रि होने की वजह से उत्तराखंड में विवाह के शुभ कार्य होते हैं।

उत्तराखंड में नवंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2025
13, 15, 16, 18, 19, 20, 21, 23, 26, 27

उत्तराखंड में दिसंबर विवाह शुभ मुहूर्त 2025
1, 3, 4, 6, 7, 8, 11, 12, 13, 15, 16, 18, 20

ज्योतिषीय मान्यताएं

ज्योतिष के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त चुनते समय इन बिंदुओं का ध्यान रखा जाता है:

1- वर-वधू की कुंडली मिलान: कुंडली मिलान से यह सुनिश्चित किया जाता है कि दोनों की ग्रह दशाएं वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल हैं। 

2-  तिथि और नक्षत्र: शुभ तिथियां जैसे द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी और दशमी को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं, अशुभ तिथियों और ग्रहण के समय विवाह नहीं किया जाता।

3- लग्न: विवाह के लिए शुभ लग्न और चौघड़िया का विशेष ध्यान रखा जाता है। यह समय वर-वधू के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। 

स्थानीय परंपराएं

उत्तराखंड में विवाह के दौरान पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। शुभ मुहूर्त पर आयोजित विवाह में पूजा-अर्चना, देवताओं का आह्वान और मंत्रोच्चारण से माहौल पवित्र हो जाता है। यहां की शादी में लोकगीतों और नृत्य का भी विशेष महत्व है, जो समारोह को और भी यादगार बना देते हैं।

शुभ मुहूर्त का चयन वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने एक मार्गदर्शक हो सकता है, लेकिन विवाह का वास्तविक आधार आपसी समझ, प्रेम और सम्मान है। दंपति के बीच भावनात्मक जुड़ाव और परस्पर सम्मान ही एक सफल और खुशहाल वैवाहिक जीवन की नींव रखते हैं। शादी का मूल उद्देश्य केवल गुण मिलान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए एक-दूसरे के प्रति ईमानदारी और सहयोग पर भी केंद्रित होना चाहिए।

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