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Uniform Civil Code Uttarakhand: उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य, जहां 27 जनवरी 2025 से लागू होगा समान नागरिक संहिता (UCC)

Uniform Civil Code Uttarakhand: उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य, जहां 27 जनवरी 2025 से लागू होगा समान नागरिक संहिता (UCC)

Uniform Civil Code Uttarakhand: उत्तराखंड बना देश का पहला राज्य, जहां 27 जनवरी 2025 से लागू होगा समान नागरिक संहिता (UCC)

Uniform Civil Code Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने इतिहास रचते हुए 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की घोषणा की है। यह कदम राज्य को एक नई पहचान देने के साथ-साथ भारत के कानूनी तंत्र में एक बड़ा परिवर्तन लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे से पहले लागू की जाएगी।

क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का अर्थ है कि भारत के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और गोद लेने से जुड़े एक समान कानून होंगे, चाहे उनका धर्म, जाति, या समुदाय कुछ भी हो। यह व्यक्तिगत कानूनों में असमानता को खत्म कर समानता और न्याय सुनिश्चित करता है।

UCC लागू करने का उद्देश्य

UCC के तहत प्रमुख प्रावधान

1. विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य

सभी विवाह और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण 60 दिनों के भीतर अनिवार्य होगा। 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाहों को छह महीने के भीतर पंजीकृत करना होगा।

2. लिव-इन रिलेशनशिप पर विशेष नियम

लिव-इन संबंधों को पंजीकृत करना होगा। अगर संबंध एक महीने से अधिक समय तक चलता है और पंजीकरण नहीं किया गया, तो तीन महीने की जेल या ₹10,000 का जुर्माना हो सकता है।

3. उत्तराधिकार और संपत्ति विवादों का समाधान

उत्तराधिकार के मामलों में आधार कार्ड सहित सभी संबंधित दस्तावेज़ अपलोड करना होगा।

4. बहुविवाह और बहुपतित्व पर रोक

UCC के तहत बहुविवाह और बहुपतित्व पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। विवाह के समय दोनों पक्षों का अविवाहित होना आवश्यक है।

UCC पोर्टल: आसान कानूनी प्रक्रिया का समाधान

उत्तराखंड सरकार ने UCC के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है, जो विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन संबंधों के पंजीकरण को सरल और पारदर्शी बनाएगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विवाद

UCC के लागू होने पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे धर्म आधारित असंतोष बढ़ाने वाला कदम बताया है।
हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आलोचना को खारिज करते हुए कहा, “यह कानून किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों के लिए एक समान प्रणाली सुनिश्चित करने का प्रयास है।”

राष्ट्रीय प्रभाव और अनुकरणीय पहल

UCC को लागू करना उत्तराखंड का न केवल ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल भी है। संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत समान नागरिक संहिता को लागू करना एक राष्ट्रीय उद्देश्य है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में भी रेखांकित किया था।

चुनौतियां और भविष्य की राह

UCC के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जागरूकता और सहयोग आवश्यक होगा।

उत्तराखंड का यह साहसिक कदम भारत के कानूनी ढांचे में सुधार की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य केवल कानूनों को समान बनाना ही नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता और नागरिक अधिकारों की रक्षा करना भी है। देश भर की नजरें अब उत्तराखंड पर हैं, क्योंकि यह पहल आने वाले समय में राष्ट्रीय बहस और नीति निर्माण को प्रभावित करेगी।

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