केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो गए, और इसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चांदी की चल विग्रह मूर्ति को डोली में विराजमान कर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ लाया गया। अब भक्तजन शीतकाल के दौरान बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति के दर्शन श्री ओंकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे।
पहले पंचमुखी मूर्ति को श्री ओंकारेश्वर मंदिर में आने पर भंडार गृह में रखा जाता था, जिसके कारण श्रद्धालुओं को इसका दर्शन नहीं हो पाता था। इस मुद्दे पर हक-हकूकधारियों और तीर्थ पुरोहितों ने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से निवेदन किया कि पंचमुखी मूर्ति को दर्शन के लिए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाए। उनकी इस मांग पर समिति ने विचार-विमर्श किया और निर्णय लिया कि शीतकाल में पंचमुखी मूर्ति को श्री ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
[जानें उत्तराखंड के इस पवित्र मंदिर का इतिहास, वास्तुकला और पूजा विधि]
अब बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति की नियमित पूजा-अर्चना श्री ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में की जाएगी, जिससे उखीमठ आने वाले भक्तजन शीतकाल के दौरान भी दर्शन कर सकेंगे। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने इस निर्णय पर अपनी स्वीकृति दे दी है, जिससे श्रद्धालुओं में प्रसन्नता की लहर है।
अगर आपको उत्तराखंड से सम्बंधित यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें साथ ही हमारे Facebook | Twitter | Instagram व | Youtubeको भी सब्सक्राइब करें।