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घनसाली, टिहरी गढ़वाल, Uttarakhand News: एसएसबी गुरिल्ला संगठन की आपातकालीन बैठक-सरकार को चेतावनी, 18 दिसंबर को सीएम आवास कूच

घनसाली, टिहरी गढ़वाल, Uttarakhand News: एसएसबी गुरिल्ला संगठन की आपातकालीन बैठक-सरकार को चेतावनी, 18 दिसंबर को सीएम आवास कूच

घनसाली, टिहरी गढ़वाल, Uttarakhand News: एसएसबी गुरिल्ला संगठन की आपातकालीन बैठक-सरकार को चेतावनी, 18 दिसंबर को सीएम आवास कूच

घनसाली, टिहरी गढ़वाल:  5 दिसंबर 2024, को भिलंगना ब्लॉक के घनसाली स्थित गैस गोदाम के पास एसएसबी गुरिल्ला संगठन की एक अति आवश्यक और आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष और टिहरी जिला अध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला ने किया। बैठक में संगठन के महासचिव महावीर सिंह रावत, प्रदेश मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट, और अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

18 वर्षों से लंबित मांगें, धैर्य का अंत

उत्तराखंड के एसएसबी गुरिल्ला पिछले 18 वर्षों से अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लिए संघर्षरत हैं। संगठन का कहना है कि सरकार केवल आश्वासन देती रही है, लेकिन ठोस कार्रवाई का अभाव है।

  • मुख्य मांगें:
    1. 55 वर्ष तक के सदस्यों को सरकारी सेवाओं में समायोजित किया जाए।
    2. 55 वर्ष से अधिक आयु के सदस्यों को सम्मानजनक पेंशन दी जाए।
    3. मृतक गुरिल्ला सदस्यों के आश्रितों को रोजगार और पेंशन दी जाए।

पिछली बैठकों का निष्कर्ष

  • 20 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री की बैठक में गुरिल्लाओं को सरकारी सेवाओं में समायोजित करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन एक वर्ष बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • 2 सितंबर 2024 को सीएम आवास कूच के दौरान सरकार ने 48 घंटे में कार्रवाई का वादा किया, जो अब तक अधूरा है।

गुरिल्ला संगठन का आक्रोश

प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रसाद गैरोला और मीडिया प्रभारी अनिल प्रसाद भट्ट ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिसंबर 2024 तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो

  • 17 दिसंबर को देहरादून कूच होगा।
  • 18 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।

गंभीर परिणामों की चेतावनी

गुरिल्ला संगठन ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो उत्तराखंड में छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। संगठन ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि अगर गुरिल्ला अपनी आर्थिक तंगी के कारण कोई कठोर कदम उठाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।

समायोजन की संभावनाएं

संगठन ने सुझाव दिया कि गुरिल्लाओं को निम्न परियोजनाओं में समायोजित किया जा सकता है:

  • होमगार्ड सेवा
  • कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल परियोजना
  • टिहरी डैम रिंग रोड
  • बैंक और सिविल सर्विस परियोजनाएं

हवन और ज्ञापन सौंपा गया

बैठक के अंत में, संगठन ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन किया और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री, सांसद, और विधायकों को ज्ञापन सौंपा।

गुरिल्लाओं का संदेश

गुरिल्ला संगठन ने स्पष्ट किया कि वे अब और अधिक आश्वासनों के झांसे में नहीं आएंगे। सरकार की निष्क्रियता उन्हें आंदोलन तेज करने पर मजबूर कर रही है। संगठन ने अपने सभी साथियों को आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

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