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देहरादून इनोवा हादसा: दो संभावित कारण सामने आए, JPRI की रिपोर्ट का इंतजार, 6 छात्रों की मौत

देहरादून इनोवा हादसा: दो संभावित कारण सामने आए, JPRI की रिपोर्ट का इंतजार, 6 छात्रों की मौत

देहरादून इनोवा हादसा: दो संभावित कारण सामने आए, JPRI की रिपोर्ट का इंतजार, 6 छात्रों की मौत

देहरादून इनोवा हादसा: 11 नवंबर को देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुए सड़क हादसे की जांच में पुलिस को अभी भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। दुर्घटना में 6 छात्रों की मौत हो गई थी, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज चल रहा है। हादसे की जांच के लिए पुलिस ने टोयोटा की टेक्निकल टीम और जेपी रिसर्च इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (JPRI) को बुलाया था। पुलिस को JPRI की रिपोर्ट का इंतजार है, जो दुर्घटना के तकनीकी और अन्य पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देगी।

देहरादून इनोवा हादसा: टोयोटा टेक्निकल टीम की रिपोर्ट

टोयोटा की टेक्निकल टीम ने दुर्घटनाग्रस्त इनोवा का निरीक्षण करने के बाद प्राथमिक जांच में दो संभावित कारण बताए हैं।

  1. ओवरस्पीडिंग: घटनास्थल के पास 500-700 मीटर पहले इनोवा की गति तेज देखी गई थी।
  2. ब्रेक में बाधा: निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ब्रेक के नीचे एक पानी की बोतल फंसी हुई थी, जिससे ब्रेक लगाना संभव नहीं हो पाया।

देहरादून इनोवा हादसा:  रेसिंग की संभावना खारिज

घटना के समय एक लाल रंग की स्कोडा कार के रेसिंग में शामिल होने की चर्चा थी। पुलिस ने उस गाड़ी और उसके ड्राइवर को खोज निकाला। जांच में पता चला कि स्कोडा कार में सवार लोग अस्पताल जा रहे थे और उन्होंने कंटेनर को देखकर अपनी गाड़ी रोक दी थी। इनोवा ने कंटेनर से टकराने से पहले ब्रेक नहीं लगाए। स्कोडा में सवार लोगों ने घायल छात्र को अस्पताल पहुंचाया था।

देहरादून इनोवा हादसा:  सीसीटीवी फुटेज और बयान का अभाव

ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे तकनीकी कारणों से काम नहीं कर रहे थे। इसके अलावा, घायल छात्र अब तक होश में नहीं आया है, जिससे घटना की सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है।

देहरादून इनोवा हादसा: कंटेनर का ड्राइवर फरार

हादसे में शामिल कंटेनर का ड्राइवर सहारनपुर का रहने वाला है और हादसे के बाद से फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। कंटेनर का मालिकाना हक पहले चंडीगढ़ की एक फर्म के पास था, लेकिन बाद में इसे बेचा गया था।

देहरादून इनोवा हादसा: पुलिस की जांच जारी

पुलिस सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रही है। दुर्घटना के सटीक कारणों का पता घायल छात्र सिद्धेश अग्रवाल के होश में आने के बाद ही चल सकेगा। अभी तक के सबूत और बयान यह स्पष्ट करते हैं कि दोनों गाड़ियों के बीच रेसिंग का कोई प्रमाण नहीं है।

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