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मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत नौगांव विकासखंड के 12 गांव होंगे मॉडल विलेज, आजीविका विकास के नए स्रोत

मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत नौगांव विकासखंड के 12 गांव होंगे मॉडल विलेज

उत्तराखंड सरकार द्वारा पलायन को रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के सृजन के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अंतर्गत नौगांव विकासखंड में तियां न्याय पंचायत के 12 गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत इन गांवों में एग्री टूरिज्म, मौन पालन (हनी क्लस्टर), एग्रीगेटेड फार्मिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनके लिए आय के नए स्रोत खोले जा सकें।

मॉडल विलेज के लिए चुने गए गांव:

तियां कलस्टर में आने वाले 12 गांवों – कुआं, ठोलिया, धारी, पल्ली, पालुका, खाबला, नरयूका, मानड, बजलाडी, पमाडी, जरडा, और तियां – को योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। इन गांवों में आजीविका संवर्धन और पलायन को रोकने के लिए स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा।

 

सीडीओ का जनसंवाद और योजना का क्रियान्वयन:

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) एसएल सेमवाल ने सामुदायिक भवन में आयोजित चौपाल में सभी विभागीय अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों से जनसंवाद किया। उन्होंने कहा कि इन गांवों को विकसित करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्द स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा और योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन, ग्राम्य विकास जैसे रेखीय विभागों की रोजगारपरक और आय सृजन से संबंधित योजनाओं को ग्रामीणों तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाए।

 

स्वास्थ्य और कृषि में सुधार:

सीडीओ ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कफनौल में सीएमओ को आवश्यक दवाइयां और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के आदेश दिए। साथ ही, ग्रामोत्थान विभाग को मौसम के अनुरूप सब्जी और फल उत्पादन को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही, किसानों को कीवी उत्पादन के क्षेत्र में प्रशिक्षित और प्रेरित करने की योजना भी बनाई गई है ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।
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महिला सशक्तिकरण और स्वंय सहायता समूहों की भूमिका:

इन गांवों में आजीविका संवर्धन के कार्यों में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें कृषि, मौन पालन और अन्य रोजगारपरक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकें। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण भी प्रदान करेगी।

 

सरकारी सहयोग और भविष्य की योजनाएं:

मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों को सरकार की ओर से सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। साथ ही, राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा है।

इस पहल के तहत कृषि, उद्यान, मत्स्य पालन, पशुपालन जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एग्री टूरिज्म और मौन पालन (हनी क्लस्टर) जैसी गतिविधियों को भी बढ़ाया जाएगा। सरकार की यह पहल पलायन को रोकने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी।

इस दौरान डीडीओ रमेश चंद्र, सीएचओ डीके तिवारी, कपिल उपाध्याय, डॉ. वी सती, दिनेश जोशी समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

 

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